ओपिनियन - एग्जिट पोल में BJP टायं-टायं फिस्स... तो भागवत के हाथ लग गया संगठन में बदलाव का बड़ा मौका?

नई दिल्ली: सत्ता में उलट-फेर होना आम बात है लेकिन जब किसी पार्टी के अंदर की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए फेर-बदल होता तो मामला बड़ा होता है। दरअसल आजकल बीजेपी भी इसी कशमकश के दौर से गुजर रही है। बीजेपी में अंदरूनी कलह बढ़ने की चर्चाएं सियास

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नई दिल्ली: सत्ता में उलट-फेर होना आम बात है लेकिन जब किसी पार्टी के अंदर की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए फेर-बदल होता तो मामला बड़ा होता है। दरअसल आजकल बीजेपी भी इसी कशमकश के दौर से गुजर रही है। बीजेपी में अंदरूनी कलह बढ़ने की चर्चाएं सियासी गलियारों में सुनने को मिल रही हैं। उधर आरएसएस चीफ मोहन भागवत भी परोक्ष रूप से पीएम नरेंद्र मोदी पर हमलावर हैं। लोकसभा चुनाव में बीजेपी की सीटों में आई भारी गिरावट के बाद से आरएसएस चीफ के तेवर काफी तीखे हैं। वह बिना नाम लिए पीएम मोदी पर निशाना साध रहे हैं।
भागवत के तीखे रवैये के बीच अब सबकी नजर हरियाणा और जम्मू-कश्मीर चुनाव पर हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अगर इन दोनों राज्यों में बीजेपी की हार हो जाती है तो आरआरएस चीफ बीजेपी के संगठन में भारी फेर बदल कर सकते हैं। दरअसल शनिवार को तमाम न्यूज चैनलों और एजेंसियों के एग्जिट पोल में दिखाया गया है कि बीजेपी हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या भागवत इन दोनों राज्यों में बीजेपी की हार के बाद संगठन में बदलाव का बड़ा फैसला ले सकते हैं। लेकिन ऐसी अटकलें भी हैं कि महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव से पहले बीजेपी के संगठन में कोई बदलाव नहीं होगा।

बिना नाम लिए PM मोदी पर अटैक

आरएसएस चीफ मोहन भागवत पिछले कुछ वक्त से काफी सख्त तेवर में नजर आ रहे हैं। भागवत के बयानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना के तौर पर देखा जा रहा है। हाल ही में भागवत ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मोदी के उस दावे पर परोक्ष रूप से निशाना साधा है, जिसमें उन्होंने खुद को 'ईश्वर का एक साधन' बताया था। पुणे में एक सभा को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा, 'हमें खुद को भगवान नहीं समझना चाहिए। लोगों को तय करने दें कि आप भगवान हैं या नहीं।' दरअसल मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान एक इंटरव्यू में कहा था, 'जब मेरी मां जीवित थीं, तो मैं मानता था कि मेरा जन्म जैविक रूप से हुआ है। उनके निधन के बाद ... मुझे विश्वास हो गया है कि भगवान ने मुझे भेजा है। इससे पहले भी भागवत पीएम मोदी पर परोक्ष रूप से निशाना साध चुके हैं।


क्या भागवत चलेंगे संजय जोशी वाला दांव?

चर्चा है कि आरएसएस चीफ मोहन भागवत संघ के पूर्णकालिक प्रचारक और बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय संगठन महामंत्री संजय विनायक जोशी को बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष या संगठन महामंत्री बनाकर बीजेपी को अपने कंट्रोल में ले सकते हैं। उधर संजय जोशी का नाम सामने आने के बाद से ही उनसे बीजेपी और संघ के लोगों का मिलना जुलना बढ़ गया है। हालांकि चर्चा में वसुंधरा राजे सिंधिया का नाम भी हैं। राजनीति जानकारों का कहना है कि आरएसएस चीफ इन दो दिग्गजों को आगे बढ़ाकर बीजेपी के मौजूदा संगठन में अपना दबदबा बना सकती है।

संजय जोशी RSS


कौन हैं भागवत के करीबी संजय जोशी?

महाराष्ट्र के नागपुर में 6 अप्रैल 1962 को जन्में संजय विनायक जोशी की उम्र अभी 62 साल है। जोशी 1988 से 1995 तक गुजरात में सक्रिय रहे थे। पार्टी ने 1998 में अपने बूते पर पहली बार सरकार बनाई थी। संजय जोशी के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) के तौर आगे चलकर काफी सराहनीय काम किया। 2001 से 2005 के कार्यकाल में उन्होंने बीजेपी को 9 राज्यों में मजबूत किया। इनमें हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, झारखंड, जम्मू और कश्मीर, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और मध्य प्रदेश का नाम शामिल हैं। संजय जोशी को मोहन भागवत का करीबी भी माना जाता है। जोशी की संगठन में काफी मजबूत पकड़ मानी जाती है।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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